विद्युत-यांत्रिक ऊर्जा रूपांतरण
अन्य सभी प्रकार की उपलब्ध उर्जाओ को पहले यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है, फिर इस उपलब्ध यांत्रिक ऊर्जा से जनित्र घुमाकर विद्युत ऊर्जा उत्पन्न की जाती है | उदहारण के लिए कोयले से प्राप्त ऊष्मा ऊर्जा से पानी बॉयलर(boiler) से गर्म किया जाता है तथा पानी का रूपांतरण भाप में किया जाता है | इस भाप की शक्ति से भाप टरबाइन चलायी जाती है, जिससे युग्मित विद्युत जनित्र द्वारा विद्युत ऊर्जा का जनन किया जाता है|
विधुत-यांत्रिक ऊर्जा रूपांतरण के लिए उपयुक्त उपकरण द्वारा यांत्रिक ऊर्जा का विद्युत ऊर्जा में रूपांतरण किया जाता है अथवा विद्युत ऊर्जा का रूपांतरण यांत्रिक ऊर्जा में किया जाता है| ऊर्जा रूपांतरण की मात्रा को ध्यान में रखते हुए, घूर्णी अथवा रेखीय विद्युत मशीनों का उपयोग, प्रमुख ऊर्जा परिवर्तकों के रूप में किया जाता है | जब मशीन का उपयोग मोटर में किया जाता है तब विद्युत ऊर्जा में रूपांतरण होता है | इसी प्रकार मशीन का उपयोग जनित्र के रूप में करने पर यांत्रिक ऊर्जा का रूपांतरण विद्युत ऊर्जा में किया जाता है | ऐसे मोटरो तथा जनित्रों के वर्ग वाले उपकरणों का उपयोग सतत ऊर्जा रूपांतरण के रूप में किया जाता हैं | इन उपकरणों का मूल उपयोग अधिकांश ऊर्जा रूपांतरण एवं उपयोग के रूप में किया जाता है | उपकरणों के दूसरे वर्ग में कम्पन उत्पन्न की जाती है | उदाहरण के लिए टेलीफोन अभिग्राही, लाउडस्पीकर, माइक्रोफोन, ग्रामोफ़ोन पिक-उप आदि उपकरणों के तीसरे वर्ग में रेखीय गति का सिद्धांत अपनाया जाता है | इन उपकरणों में जो बल या बल आघूर्ण उत्पन्न होता है उसमे यांत्रिक गति सीमित होती है | उदहारण के लिए विद्धुत-चुम्बक, रिले, चल-लौह माप-यंत्र, चल-कुंडली मापयंत्र, एक्चुएटर आदि|

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